Good and Evil stories in Hindi
एक मित्र को
मैं हमेशा खुश देखता था। कभी-कभार उनके बारे में कोई भला-बुरा भी बोलता, तब भी वे सामान्य ही रहते। मैंने उनसे
इसका कारण पूछा। उन्होंने जो इसका राज बताया, वह सुन कर मैं आवाक रह गया। दरअसल, हमारे जीवन में कई ऐसी घटनाएँ होती हैं, जो हम महसूस तो करते हैं, लेकिन उसे व्यक्त नहीं कर पाते।
मित्र ने
बेहद सहजता से उस मंत्र को व्यक्त कर दिया। उन्होंने कहा, मेरे खुश रहने का कारण यह है कि मैं यह
मान कर चलता हूँ कि इस दुनिया में हर इंसान किसी-न-किसी रूप में गलत है, मैं केवल यह देखता हूँ कि उनमें कम गलत
कौन है,
इससे मेरा ध्यान
उनकी गलतियों से ज्यादा उनकी अच्छाइयों की ओर जाता है। वाकई यह जीवन को देखने का एक नया नजरिया
है। आईये इसे इस काल्पनिक कहानी से समझते है।
यह उस समय की घटना है, जब ईश्वर आदमी की रचना कर रहा था। उसने आदमी को धरती पर भेजने की तैयारी करते समय उन सभी बिंदुओं पर गौर किया, जो जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं। उसने आदमी को तरह-तरह की चीजें दीं, जैसे- सूंघने के लिए नाक, बोलने के लिए जुबान, सुनने के लिए कान, देखने के लिए आंख, काम करने के लिए हाथ, महसूस करने की शक्ति, सोचने की शक्ति और चलने के लिए पैर आदि।
यह उस समय की घटना है, जब ईश्वर आदमी की रचना कर रहा था। उसने आदमी को धरती पर भेजने की तैयारी करते समय उन सभी बिंदुओं पर गौर किया, जो जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं। उसने आदमी को तरह-तरह की चीजें दीं, जैसे- सूंघने के लिए नाक, बोलने के लिए जुबान, सुनने के लिए कान, देखने के लिए आंख, काम करने के लिए हाथ, महसूस करने की शक्ति, सोचने की शक्ति और चलने के लिए पैर आदि।
साथ ही
ईश्वर ने उसे बहुत सी भावनाएँ भी दीं जैसे- प्यार, दुःख, सुख, ईर्ष्या, क्रोध इत्यादि। अंत में, ईश्वर ने दो पोटलियां बनायीं और उन दोनों
को एक लकड़ी के डंडे के दोनों किनारों पर बांध दिया और आदमी के हाथ में दे दिया और
कहा,
इन दोनों पोटलियों
में कुछ है, जो हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगी। पीछे की पोटली देखने के लिए तुम्हें
विशेष मेहनत और धैर्य का सहारा लेना पड़ेगा। आदमी ने उस डंडे को उठाया और अपने कंधे
पर रख लिया। जब उसने उन पोटलियों पर नजर डाली, तो उसने देखा कि आगे की पोटलियों पर लिखा
हुआ था- दूसरे मनुष्य की गलतियाँ।
जब उसने
पीछे नजर घुमायी, तो पीछे की पोटली पर लिखा हुआ था- अपनी गलतियाँ। अब ईश्वर ने कहा - मनुष्य को बहुत सहजता से दूसरों की
गलतियाँ नजर आ जाती हैं, लेकिन जब तक वह कुछ विशेष प्रयास न करे, उसे अपनी गलती नजर नहीं आती, जैसाकि तुमको पिछली पोटली देखने के लिए
विशेष प्रयास करने होंगे। यह कह कर ईश्वर ने आदमी को धरती पर भेज दिया।
किसी महापुरूष ने लिखा था- हमेशा गलतियाँ दूंढनेवाला व्यक्ति उस मक्खी की तरह होता है, जो सारे संसार की मिठाईयों को छोड़ कर गंदे पर जा बैठती है। यदि इस विषय को हम बेहतर समझ पाये और अपनी गलतियों को भी गौर करते रहे, तो निश्चय ही हमारी गिनती लोकप्रिय लोगों में होगी और हमारा दुश्मन भी हमारी कद्र करने से नहीं हिचकेगा। ईश्वर ने हमें बहुत-सी शक्तियां प्रदान की हैं, हम उनका सही उपयोग कर अपनी एक अलग छवि कायम कर सकते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है।
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