Monday, 20 March 2017
Akbar Birbal Birbal's intelligence Story In Hindi – बीरबल की होशियारी
एक बार की
बात हैं,
सर्दी का मौसम था, अकबर और बीरबल तालाब के नजदीक टहल रहे थे | तभी बीरबल को यह विचार आया की मनुष्य पेसो
के लिए कुछ भी कर सकता हैं | बीरबल ने अपनी भावनाओ को अकबर के सामने
व्यकत कि | तभी अकबर ने अपनी एक उंगली तालाब के पानी में डाली और झट से उंगली को
बाहर निकाली क्योंकि पानी बहुत ठंडा था | और अकबर बोले मुझे नहीं लगता है की कोई
व्यक्ति पेसो के लिए पूरी रात ऐसी ठण्ड में बिता दें |
Akbar Birbal Who is wise Story In Hindi – बुद्धिमान कौन
एक राजा
स्वयं को दुनिया का सबसे बढ़ा बुद्धिमान राजा मानता था | वो जानना चाहता था की उसकी सोच सही है या
गलत, क्या इस संसार में उससे भी अधिक बुद्धिमान
कोई है या नहीं | यह सोचकर उसने अपने सभी दरबारियों और कर्मचारियों को इकठ्ठा किया और
उनसे पूछने को कहा की उसके मन में क्या है |
Thursday, 16 March 2017
Wednesday, 15 March 2017
Osho Searching for peace Story in Hindi - शांति की खोज
Osho Dig your land the treasure will always be there Story in Hindi - अपनी जमीन खोदें, खजाना हमेशा वहाँ मिलेगा
Osho Dig your land the treasure will always
be there Story in Hindi
एक राजधानी
में एक भिखारी एक सड़क के किनारे बैठकर बीस-पच्चीस वर्षों तक भीख मांगता रहा। फिर
मौत आ गयी, फिर मर गया। जीवन भर यही कामना की कि मैं भी सम्राट हो जाऊं। कौन
भिखारी ऐसा है, जो सम्राट होने की कामना नहीं करता? जीवन भर हाथ फैलाये खड़ा रहा रास्तों पर।
Osho without being one with life, life cannot be known Story in Hindi - जीवन के साथ एक हुए बिना, जीवन को नहीं जाना जा सकता
Osho without being one with life, life cannot
be known Story in Hindi
कोई डेढ़
हजार वर्ष पहले चीन के सम्राट ने सारे राज्य के चित्रकारों को खबर की कि वह राज्य
की मुहर बनाना चाहता है। मुहर पर एक बांग देता हुआ, बोलता हुआ मुर्गा, उसका चित्र बनाना चाहता है। जो चित्रकार
सबसे जीवंत चित्र बनाकर ला सकेगा, वह पुरस्कृत भी होगा, राज्य का कलागुरु भी नियुक्त हो जायेगा।
और बड़े पुरस्कार की घोषणा की गयी।
Osho Quest for Happiness Story in Hindi - आनंद की खोज
Osho Quest for Happiness Story in Hindi
एक दिन
संसार के लोग सोकर उठे ही थे कि उन्हें एक अदभुत घोषणा सुनाई पड़ी। ऐसी घोषणा इसके
पूर्व कभी भी नहीं सुनी गई थी। किंतु वह अभूतपूर्व घोषणा कहां से आ रही है, यह समझ में नहीं आता था। उसके शब्द जरूर
स्पष्ट थे। शायद वे आकाश से आ रहे थे, या यह भी हो सकता है कि अंतस से ही आ रहे
हों। उनके आविर्भाव का स्रोत मनुष्य के समक्ष नहीं था।
Osho State seal Story in Hindi - राज्य की मुहर
Osho State seal Story in Hindi
कोई डेढ़
हजार वर्ष पहले चीन के सम्राट ने सारे राज्य के चित्रकारों को खबर की कि वह राज्य
की मुहर बनाना चाहता है। मुहर पर एक बांग देता हुआ, बोलता हुआ मुर्गा, उसका चित्र बनाना चाहता है। जो चित्रकार
सबसे जीवंत चित्र बनाकर ला सकेगा, वह पुरस्कृत भी होगा, राज्य का कलागुरु भी नियुक्त हो जायेगा।
और बड़े पुरस्कार की घोषणा की गयी।
Thursday, 2 March 2017
Rabindranath Tagore Precious gift Story in Hindi – अनमोल भेंट
रायचरण बारह वर्ष की आयु से अपने मालिक का बच्चा खिलाने पर नौकर हुआ था। उसके पश्चात् काफी समय बीत गया। नन्हा बच्चा रायचरण की गोद से निकलकर स्कूल में प्रविष्ट हुआ, स्कूल से कॉलिज में पहुँचा, फिर एक सरकारी स्थान पर लग गया। किन्तु रायचरण अब भी बच्चा खिलाता था, यह बच्चा उसकी गोद के पाले हुए अनुकूल बाबू का पुत्र था।
Rabindranath Tagore Antim Pyaar Se Story in Hindi - अन्तिम प्यार से
आर्ट स्कूल
के प्रोफेसर मनमोहन बाबू घर पर बैठे मित्रों के साथ मनोरंजन कर रहे थे, ठीक उसी समय योगेश बाबू ने कमरे में
प्रवेश किया। योगेश बाबू अच्छे चित्रकार थे, उन्होंने अभी थोड़े समय पूर्व ही स्कूल
छोड़ा था। उन्हें देखकर एक व्यक्ति ने कहा-योगेश बाबू! नरेन्द्र क्या कहता है, आपने सुना कुछ?
Rabindranath Tagore Kanchan Story in Hindi – कंचन
मैं विदेश लौटकर छोटा नागपुर के एक चन्द्रवंशीय राजा के दरबार में नौकरी करने लगा। उन्हीं दिनों मेरी देशव्यापी कीर्ति की पटल पर अचानक एक छोटी-सी कहानी खिल उठी। उन दिनों गगन टेसू की रक्तिमाभा से विभोर था। शाल वृक्ष की टहनियों पर मंजरियां झूल रही थीं। मधुमक्खियों के समूह मंडराते फिर रहे थे। व्यापारी लोगों का लाख संग्रह का समय आ गया था। बेर और शहतूत के पत्तों से रेशम के कीड़े इकट्ठे किए जा रहे थे। संथाल जाति महुए बीनती हुई फिर रही थी। नूपुर की झंकार के समान गूंजती हुई नदी वहीं पर बही जा रही थी। मैंने स्नेह से उस नदी का नाम रखा था- 'तनिका'।
Rabindranath Tagore Poet and Poetry Story in Hindi - कवि और कविता
राजमहल के
सामने भीड़ लगी हुई थी। एक नवयुवक संन्यासी बीन पर प्रेम-राग अलाप रहा था। उसका
मधुर स्वर गूंज रहा था। उसके मुख पर दया और सहृदता के भाव प्रकट हो रहे थे। स्वर
के उतार-चढ़ाव और बीन की झंकार दोनों ने मिलकर बहुत ही आनन्दप्रद स्थिति उत्पन्न कर
रखी थी। दर्शक झूम-झूमकर आनन्द प्राप्त कर रहे थे।
Rabindranath Tagore Poet's Heart Story in Hindi - कवि का हृदय
चांदनी रात
में भगवान विष्णु बैठे मन-ही-मन गुनगुना रहे थे-
''मैं विचार किया करता था कि मनुष्य सृष्टि का सबसे सुन्दर निर्माण है, किन्तु मेरा विचार भ्रामक सिध्द हुआ। कमल
के उस फूल को, जो वायु के झोंकों से हिलता है, मैं देख रहा हूं। कि वह सम्पूर्ण
जीव-मात्र से कितना अधिक पवित्र और सुन्दर है। उसकी पंखुड़ियां अभी-अभी प्रकाश से
खिली हैं। वह ऐसा आकर्षक है कि मैं अपनी दृष्टि उस पर से नहीं हटा सकता। हां, मानवों में इसके समान कोई वस्तु विद्यमान
नहीं।''
Rabindranath Tagore Kabuliwala Story in Hindi - काबुलीवाला
मेरी पांच
वर्ष की छोटी लड़की मिनी से पल भर भी बात किए बिना नहीं रहा जाता। दुनिया में आने
के बाद भाषा सीखने में उसने सिर्फ एक ही वर्ष लगाया होगा। उसके बाद से जितनी देर
तक सो नहीं पाती है, उस समय का एक पल भी वह चुप्पी में नहीं
खोती। उसकी माता बहुधा डांट-फटकारकर उसकी चलती हुई जबान बन्द कर देती है; किन्तु मुझसे ऐसा नहीं होता, मिनी का मौन मुझे ऐसा अस्वाभाविक-सा
प्रतीत होता है, कि मुझसे वह अधिक देर तक सहा नहीं जाता और यही कारण है कि मेरे साथ
उसके भावों का आदान-प्रदान कुछ अधिक उत्साह के साथ होता रहता है।
Rabindranath Tagore Dumb Story in Hindi – गूंगी
कन्या का नाम जब सुभाषिणी रखा गया था तब कौन जानता था कि वह गूंगी होगी। इसके पहले,उसकी दो बड़ी बहनों के सुकेशिनी और सुहासिनी नाम रखे जा चुके थे, इसी से तुकबन्दी मिलाने के हेतु उसके पिता ने छोटी कन्या का नाम रख दिया सुभाषिणी। अब केवल सब उसे 'सुभा' ही कहकर बुलाते हैं।
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