Tuesday 28 February 2017

Rabindranath Tagore Panhandler Story in Hindi - भिखारिन

Rabindranath Tagore Panhandler Story in HindiRabindranath Tagore Panhandler Story in Hindi


अन्धी प्रतिदिन मन्दिर के दरवाजे पर जाकर खड़ी होतीदर्शन करने वाले बाहर निकलते तो वह अपना हाथ फैला देती और नम्रता से कहती- बाबूजीअन्धी पर दया हो जाए।


वह जानती थी कि मन्दिर में आने वाले सहृदय और श्रध्दालु हुआ करते हैं। उसका यह अनुमान असत्य न था। आने-जाने वाले दो-चार पैसे उसके हाथ पर रख ही देते। अन्धी उनको दुआएं देती और उनको सहृदयता को सराहती। स्त्रियां भी उसके पल्ले में थोड़ा-बहुत अनाज डाल जाया करती थीं।

Rabindranath Tagore This Freedom Story in Hindi - यह स्वतन्त्रता

Rabindranath Tagore This Freedom Story in HindiRabindranath Tagore This Freedom Story in Hindi

पाठक चक्रवर्ती अपने मुहल्ले के लड़कों का नेता था। सब उसकी आज्ञा मानते थे। यदि कोई उसके विरुध्द जाता तो उस पर आफत आ जातीसब मुहल्ले के लड़के उसको मारते थे। आखिरकार बेचारे को विवश होकर पाठक से क्षमा मांगनी पड़ती। एक बार पाठक ने एक नया खेल सोचा। नदी के किनारे एक लकड़ी का बड़ा लट्ठा पड़ा थाजिसकी नौका बनाई जाने वाली थी। पाठक ने कहा- ''हम सब मिलकर उस लट्ठे को लुढ़काएंलट्टे का स्वामी हम पर क्रुध्द होगा और हम सब उसका मजाक उड़ाकर खूब हंसेंगे।'' सब लड़कों ने उसका अनुमोदन किया।

Rabindranath Tagore Vida Story in Hindi - विदा

Rabindranath Tagore Vida Story in Hindi

Rabindranath Tagore Vida Story in Hindi



कन्या के पिता के लिए धैर्य धरना थोड़ा-बहुत संभव भी थापरन्तु वर के पिता पल भर के लिए भी सब्र करने को तैयार न थे। उन्होंने समझ लिया था कि कन्या के विवाह की आयु पार हो चुकी है;परन्तु किसी प्रकार कुछ दिन और भी पार हो गये तो इस चर्चा को भद्र या अभद्र किसी भी उपाय से दबा रखने की क्षमता भी समाप्त हो जायेगीकन्या की आयु अवैध गति से बढ़ रही थीइसमें किसी को शंका करने की आवश्यकता बड़ी नहींकिन्तु इससे भी बड़ी शंका इस बात की थी कि कन्या की तुलना में दहेज की रकम अब भी काफी अधिक थी। वर के पिता इसी हेतु इस प्रकार से जल्दी मचा रहे थे।

Rabindranath Tagore Victim of Society Story in Hindi - समाज का शिकार

Rabindranath Tagore Victim of Society Story in HindiRabindranath Tagore Victim of Society Story in Hindi



मैं जिस युग का वर्णन कर रहा हूं उसका न आदि है न अंत!


वह एक बादशाह का बेटा था और उसका महलों में लालन-पालन हुआ थाकिन्तु उसे किसी के शासन में रहना स्वीकार न था। इसलिए उसने राजमहलों को तिलांजलि देकर जंगलों की राह ली। उस समय देशभर में सात शासक थे। वह सातों शासकों के शासन से बाहर निकल गया और ऐसे स्थान पर पहुंचा जहां किसी का राज्य न था।

Rabindranath Tagore Marginal Story in Hindi - सीमान्त

Rabindranath Tagore Marginal Story in HindiRabindranath Tagore Marginal Story in Hindi



उस दिन सवेरे कुछ ठण्ड थीपरन्तु दोपहर के समय हवा गर्मी पाकर दक्षिण दिशा की ओर से बहने लगी थी। यतीन जिस बरामदे में बैठा हुआ थावहां से उद्यान के एक कोने में खड़े हुए कटहल और दूसरी ओर के शिरीष वृक्ष के बीच से बाहर का मैदान दिखाई पड़ता है। वह सुनसान मैदान फाल्गुन की धूप में धू-धू करके जल रहा था। उसी से सटा हुआ एक कच्चा रास्ता निकल गया है। उसी पर एक खाली बैलगाड़ी धीमी चाल से गांव की ओर लौट रही थी और गाड़ीवान धूप से बचने के लिए सिर पर लाल रंग का गमछा लपेटे मस्ती में किसी गीत की कड़ियां दोहराता हुआ जा रहा था?

Leo Tolstoy Three Questions Story In Hindi - तीन प्रश्नों के उत्तर

Leo Tolstoy Three Questions Story In HindiLeo Tolstoy Three Questions Story In Hindi



यह कहानी उस राजा की है जो अपने तीन प्रश्नों के उत्तर खोज रहा था।

तोएक बार एक राजा के मन में आया कि यदि वह इन तीन प्रश्नों के उत्तर खोज लेगा तो उसे कुछ और जानने की आवश्यकता नहीं रह जायेगी।

Leo Tolstoy Two yard land Story in Hindi - दो गज जमीन

Leo Tolstoy Two yard land Story in HindiLeo Tolstoy Two yard land Story in Hindi



दो बहने थी। बड़ी का कस्बे में एक सौदागर से विवाह हुआ था। छोटी देहात में किसान के घर ब्याह थी।


बड़ी का अपनी छोटी बहन के यहां आना हुआ। निबटकार दोनों जनी बैठीं तो बातों का सूत चल पड़ा। बड़ी अपने शहर के जीवन की तारीफ करने लगी, ''देखो, कैसे आराम से हम रहते हैं। फैंसी कपड़े और ठाठ के सामान! स्वाद-स्वाद की खाने-पीने की चीजें, और फिर तमाशे-थियेटर, बाग-बगीचे!''

Leo Tolstoy Pardons Story in Hindi - क्षमादान

Leo Tolstoy Pardons Story in HindiLeo Tolstoy Pardons Story in Hindi



दिल्ली नगर में भागीरथ नाम का युवक सौदागर रहता था। वहां उसकी अपनी दो दुकानें और एक रहने का मकान था। वह सुन्दर था। उसके बाल कोमल, चमकीले और घुंघराले थे। वह हंसोड़ और गाने का बड़ा परेमी था। युवावस्था में उसे मद्य पीने की बान पड़ गई थी। अधिक पी जाने पर कभीकभी हल्ला भी मचाया करता था, परन्तु विवाह कर लेने पर मद्य पीना छोड़ दिया था।

Leo Tolstoy Three Saints Story in Hindi - तीन संत

Leo Tolstoy Three Saints Story in HindiLeo Tolstoy Three Saints Story in Hindi


यह लेव तॉल्स्तॉय की बहुत प्रसिद्द कहानी है। रूस के ऑर्थोडॉक्स चर्च के आर्चबिशप को यह पता चला कि उसके नियमित प्रवचन में भाग लेने वाले बहुत से लोग एक झील के पास जाने लगे हैं। उस झील के बीच में छोटा सा एक टापू था जहाँ एक पेड़ के नीचे तीन बूढ़े रहते थे। गाँव वालों का यह कहना था कि वे तीनों संत हैं। आर्चबिशप को यह बात बहुत नागवार गुज़री क्योंकि ईसाई धर्म में संत केवल उन्हें ही माना जाता है जिन्हें वेटिकन द्वारा विधिवत संत घोषित किया गया हो।

Monday 27 February 2017

Leo Tolstoy Two Old Men Story in Hindi - दो वृद्ध पुरुष

Leo Tolstoy Two Old Men Story in Hindi
Leo Tolstoy Two Old Men Story in Hindi


एक गांव में अजुर्न और मोहन नाम के दो किसान रहते थे। अजुर्न धनी था, मोहन साधारण पुरुष था। उन्होंने चिरकाल से बद्रीनारायण की यात्रा का इरादा कर रखा था। अजुर्न बड़ा सुशील, सहासी और दृ़ था। दो बार गांव का चौधरी रहकर उसने बड़ा अच्छा काम किया था। उसके दो लड़के तथा एक पोता था। उसकी साठ वर्ष की अवस्था थी, परन्तु दा़ी अभी तक नहीं पकी थी।

Sunday 26 February 2017

Leo Tolstoy Bear Hunting Story in Hindi - ध्रुवनिवासी रीछ का शिकार

Leo Tolstoy Bear Hunting Story in Hindi
Leo Tolstoy Bear Hunting Story in Hindi


हम एक दिन रीछ के शिकार को निकले। मेरे साथी ने एक रीछ पर गोली चलायी। वह गहरी नहीं लगी। रीछ भाग गया। बर्फ पर लहू के चिह्न बाकी रह गए।   हम एकत्र होकर यह विचार करने लगे कि तुरन्त पीछा करना चाहिए या दोतीन दिन ठहरकर उसके पीछे जाना चाहिए। किसानों से पूछने पर एक बूढा बोलातुरन्त पीछा करना ठीक नहीं, रीछ को टिक जाने दो। पांच दिन पीछे शायद वह मिल जाए। अभी पीछा करने पर तो वह डरकर भाग जायेगा।

Leo Tolstoy Prem Me Parmeshwar Story in Hindi - प्रेम में परमेश्वर

Leo Tolstoy Prem Me Parmeshwar Story in HindiLeo Tolstoy Prem Me Parmeshwar Story in Hindi


किसी गांव में मूरत नाम का एक बनिया रहता था। सड़क पर उसकी छोटीसी दुकान थी। वहां रहते उसे बहुत काल हो चुका था, इसलिए वहां के सब निवासियों को भलीभांति जानता था। वह बड़ा सदाचारी, सत्यवक्ता, व्यावहारिक और सुशील था। जो बात कहता, उसे जरूर पूरा करता। कभी धेले भर भी कम न तोलता और न घीतेल मिलाकर बेचता। चीज़ अच्छी न होती, तो गराहक से साफसाफ कह देता, धोखा न देता था।

Leo Tolstoy Prisoner Rajput Story in Hindi - राजपूत कैदी

Leo Tolstoy Prisoner Rajput Story in Hindi

Leo Tolstoy Prisoner Rajput Story in Hindi
धर्मसिंह नामी राजपूत राजपूताना की सेना में एक अफसर था। एक दिन माता की पत्री आयी कि मैं बू़ी होती जाती हूं, मरने से पहले एक बार तुम्हें देखने की अभिलाषा है, यहां आकर मुझे विदा कर आशीवार्द लो और क्रियाकर्म करके आनंदपूर्वक नौकरी पर लौट जाना। तुम्हारे वास्ते मैंने एक कन्या खोज रखी है, वह बड़ी बुद्धिमती और धनवान है। यदि तुम्हें भाये तो उससे विवाह करके सुखपूर्वक घर ही पर रहना।

Leo Tolstoy Basis of human life Story in Hindi - मनुष्य का जीवन आधार क्या है

Leo Tolstoy Basis of human life Story in Hindi
Leo Tolstoy Basis of human life Story in Hindi


माधो नामी एक चमार जिसके न घर था, न धरती, अपनी स्त्री और बच्चों सहित एक झोंपड़े में रहकर मेहनत मजदूरी द्वारा पेट पालता था। मजूरी कम थी, अन्न महंगा था। जो कमाता था, खा जाता था। सारा घर एक ही कम्बल ओ़कर जाड़ों के दिन काटता था और वह कम्बल भी फटकर तारतार रह गया था। पूरे एक वर्ष से वह इस विचार में लगा हुआ था कि दूसरा वस्त्र मोल ले। पेट मारमारकर उसने तीन रुपये जमा किए थे, और पांच रुपये पास के गांव वालों पर आते थे।

Thursday 23 February 2017

Leo Tolstoy Fool Sumant Story in Hindi - मूर्ख सुमन्त

Leo Tolstoy Fool Sumant Story in HindiLeo Tolstoy Fool Sumant Story in Hindi




एक समय एक गांव में एक धनी किसान रहता था। उसके तीन पुत्र थेविजय सिपाही, तारा वणिक, सुमन्त मूर्ख। गूंगीबहरी मनोरमा नाम की एक कुंवारी कन्या भी थी। विजय तो जाकर किसी राजा की सेना में भर्ती हो गया। तारा ने किसी परसिद्ध नगर में सौदागरी की कोठी खोल ली। मूर्ख समुन्त और मनोरमा मातापिता के पास रहकर खेती का काम करने लगे।

Leo Tolstoy Surat Coffee House Story in Hindi - सूरत का कॉफी हाउस

Leo Tolstoy Surat Coffee House Story in Hindi
Leo Tolstoy Surat Coffee House Story in Hindi


दुनिया में अनेक धर्मों और उनके मानने वालों की ईश्‍वर के बारे में अपनी-अपनी धारणाएं हैं। सबके अपने-अपने भगवान हैं और अपने भगवान को श्रेष्‍ठ साबित करने की एक होड़ सबमें मची हुई है। पर उस होड़ के परे जाकर क्‍या हमने कभी सोचा है कि भगवान क्‍या है? ‘वार एंड वीसऔर अन्‍ना करेनिनाजैसी महान कृतियों के लेखक लियो टॉल्‍सटॉय इस बारे में कुछ कह रहे हैं अपनी इस कहानी में। कहानी का घटनास्‍थल है भारत के सूरत शहर का एक कॉफी हाउस-

Tuesday 21 February 2017

Vikram betal Pachisi twenty fifth story in hindi - Last Story

Vikram betal Pachisi twenty fifth story in hindiVikram betal Pachisi twenty fifth story in hindi



योगी राजा को और मुर्दे को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ। बोला, "हे राजन्! तुमने यह कठिन काम करके मेरे साथ बड़ा उपकार किया है। तुम सचमुच सारे राजाओं में श्रेष्ठ हो।"


Vikram betal pachisi twenty fourth story in hindi - माँबेटी के बच्चों में क्या रिश्ता

Vikram betal pachisi twenty fourth story in hindiVikram betal pachisi twenty fourth story in hindi



किसी नगर में मांडलिक नाम का राजा राज करता था। उसकी पत्नी का नाम चडवती था। वह मालव देश के राजा की लड़की थी। उसके लावण्यवती नाम की एक कन्या थी। जब वह विवाह के योग्य हुई तो राजा के भाई-बन्धुओं ने उसका राज्य छीन लिया और उसे देश-निकाला दे दिया। राजा रानी और कन्या को साथ लेकर मालव देश को चल दिया। रात को वे एक वन में ठहरे। पहले दिन चलकर भीलों की नगरी में पहुँचे। राजा ने रानी और बेटी से कहा कि तुम लोग वन में छिप जाओ, नहीं तो भील तुम्हें परेशान करेंगे। वे दोनों वन में चली गयीं। इसके बाद भीलों ने राजा पर हमला किया। राजा ने मुकाबला किया, पर अन्त में वह मारा गया। भील चले गये।

Vikram betal Pachisi twenty third story in hindi - योगी पहले क्यों रोया, फिर क्यों हँसा?

Vikram betal Pachisi twenty third story in hindi
Vikram betal Pachisi twenty third story in hindi


कलिंग देश में शोभावती नाम का एक नगर है। उसमें राजा प्रद्युम्न राज करता था। उसी नगरी में एक ब्राह्मण रहता था, जिसके देवसोम नाम का बड़ा ही योग्य पुत्र था। जब देवसोम सोलह बरस का हुआ और सारी विद्याएँ सीख चुका तो एक दिन दुर्भाग्य से वह मर गया। बूढ़े माँ-बाप बड़े दु:खी हुए। चारों ओर शोक छा गया। जब लोग उसे लेकर श्मशान में पहुँचे तो रोने-पीटने की आवाज़ सुनकर एक योगी अपनी कुटिया में से निकलकर आया। पहले तो वह खूब ज़ोर से रोया, फिर खूब हँसा, फिर योग-बल से अपना शरीर छोड़ कर उस लड़के के शरीर में घुस गया। लड़का उठ खड़ा हुआ। उसे जीता देखकर सब बड़े खुश हुए।

Vikram betal Pachisi twenty two story in hindi - शेर बनाने का अपराध किसने किया?

Vikram betal Pachisi twenty two story in hindiVikram betal Pachisi twenty two story in hindi



कुसुमपुर नगर में एक राजा राज्य करता था। उसके नगर में एक ब्राह्मण थाजिसके चार बेटे थे। लड़कों केसयाने होने परब्राह्मण मर गया और ब्राह्मणी उसके साथ सती हो गयी। उनके रिश्तेदारों ने उनका धनछीन लिया। वे चारों भाई नाना के यहाँ चले गये। लेकिन कुछ दिन बाद वहाँ भी उनके साथ बुरा व्यवहारहोने लगा। तब सबने मिलकर सोचा कि कोई विद्या सीखनी चाहिए। यह सोच करके चारों चार दिशाओं मेंचल दिये।

Vikram Betal Pachisi twenty first story in hindi - सबसे ज्यादा प्रेम में अंधा कौन था?

Vikram Betal Pachisi twenty first story in hindi
Vikram Betal Pachisi twenty first story in hindi


विशाला नाम की नगरी में पदमनाभ नाम का राजा राज करता था। उसी नगर में अर्थदत्त नाम का एक साहूकार रहता था। अर्थदत्त के अनंगमंजरी नाम की एक सुन्दर कन्या थी। उसका विवाह साहूकार ने एक धनी साहूकार के पुत्र मणिवर्मा के साथ कर दिया। मणिवर्मा पत्नी को बहुत चाहता था, पर पत्नी उसे प्यार नहीं करती थी। एक बार मणिवर्मा कहीं गया।

Vikram Betal Pachisi twentieth story in Hindi – Baalak Kyun Hasa बालक क्यों हँसा?

Vikram Betal Pachisi twentieth story in HindiVikram Betal Pachisi twentieth story in Hindi



चित्रकूट नगर में एक राजा रहता था। एक दिन वह शिकार खेलने जंगल में गया। घूमते-घूमते वह रास्ता भूल गया और अकेला रह गया। थक कर वह एक पेड़ की छाया में लेटा कि उसे एक ऋषि-कन्या दिखाई दी। उसे देखकर राजा उस पर मोहित हो गया। थोड़ी देर में ऋषि स्वयं आ गये। ऋषि ने पूछा, "तुम यहाँ कैसे आये हो?" राजा ने कहा, "मैं शिकार खेलने आया हूँ। ऋषि बोले, "बेटा, तुम क्यों जीवों को मारकर पाप कमाते हो?"